जीएसटी दरों में कमी से खुशहाल होगी जनता,मजबूत होगा देश-नीलकंठ टेकाम
दिनांक 9/9/2025
काउंसिलिंग बैठक में टैक्स कटौती का कॉंग्रेस करती थी विरोध.
बीजापुर- भारत लगातार आर्थिक महाशक्ति बनने की तरफ हो रहा है,अग्रसर आयकर में ऐतिहासिक छूट के बाद अब जीएसटी के स्लेब का सरलीकरण, इसके रेट में अभूतपूद्र सुधार करके, रेट को कम करके करके भारत कोविड की तीसरी बडी अर्थव्यवस्था बनाने की तरफ हम अगसर हो चुके हैं। मंगलवार को भाजपा अटल सदन कार्यालय बीजापुर में आयोजित प्रेसवार्ता में केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने उक्त बातों को संबोधित करते हुए कहा कि यह बदलाव आम आदमी के जीवन को खुशहाल करने वाले और ज्यापार उयोग को नई गति देने वाले हैं। इससे न सिर्फ लोगों की बचत में ऐतिहासिक बढ़त होगी, बल्कि जीएसटी कानूनों के सरलीकरण से अब व्यापारी भी अधिक सुगमता के साथ अपना कार्य कर सकेंगे। ‘मांशक्ति की अराधना पावन पर्व ‘नवरात्रि से लागू होने वाले यह नए प्रावथान देश को आर्थिक रूप से और शक्तिशाली बनाएंगे।
जैसा कि ‘आप सभी जानते हैंकि एक राष्ट्र-एक टैक्स की भावना के साथ पहले सभी तरह ‘के अप्रत्यक्ष करों को एक कर प्रणाली के तहत मोदीजी नेलाकर एक भारत्षेठ भारत की अवधारणा को साकार किया और अब इसे और सरल बना कर क्रांतिकारी सुधारों का सूत्रपात किया गया है।
आजादी के बाद से लेकर 101 वें सविधान संशोधन दारा 1जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से तक भारत में 17 प्रकर के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। इसके अलावा भी राज्य सरकारें मनमाने ढंग से कभी भी कोई भी कर् आरोपित कर् देती थी। प्रत्यक्ष कर की बातें करें तो आयकर की दर तो एक समय अधिकतम 97.5 प्रतिशत तक पहुंच गया था पिछले वर्ष 12 लाख सालाना की आय पर टैक्स नहीं लागू करने का निर्णय लेने के बाद अब जीएसटी में चार स्लैब के बदले दो ही स्लेब रखने, सभी उपयोगी वस्तुओं पर कर शन्य करने और अनेक उत्पादों में कर 10 प्रतिशत तक कम कर देने से अब वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था अब जनता के लिए रामराज्य लाने वाला साबित होगा।
यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन जीएसटी में अगली पीढी के सुधार करने का आधासन दिया था था, और मात्र बीस दिन की भीतर ही जीएसटी काउंसिल ने इस सुधार को मंजूरी देदी गई हैं।
नये सुधार से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उयोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। रोजमर्रा की अनेक वस्तुएं जैसे तेल शैम्पू,ट्रूथपेस्ट,मक्खन,पनीर,सिलाई मशीन से लेकर ट्रैक्टर व उसके कलपुर्जे व अन्य कृषि उपकर्ण तथा व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा, शैक्षणिक वस्तुओं के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक व ऑटोमोबाइल उत्पादों को किफायती बनाया गया है।एक विकसित अर्थव्यवस्था में करदाता अधिक, और टैक्स की दर कम होना चाहिए। इसी लक्ष्य को हासिल किया है,जीएसटी ने जीएसटी करदाता 2017 में66.5 लाख से बढकर 2025 में 1.51 करोड़ हो गए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 मैं सकल जीएसटी संग्रह 22.08 लाख करोड़़ रुपये रहा, जो केवल चार वर्षों में दोगुना हो गया है।
इसके अलावा अपवाद के रूप मं जहां स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर 40 प्रतिशत कर आरोपित किया गया है, वहीं बीड़ी को 18 प्रतिशत के स्लेंब में ही रखा गया है। इससे भविष्य में तेंदूपता संग्राहकों ” को काफी लाभ होगा। जनजातीय क्षेत्र में जैसे लघु वन्य उत्पादों की मांग अधिक बढ़ेगी इससे प्रदेश को भी काफी लाभ होगा।
छतीसगढ़ को आर्थिक सुधार और शानदार प्रंधन के लिए केवल प्रोत्साहन राशि के मद मं 6200 करोड रुपए मिले हैं। यह प्रोल्साहन मुख्यमंत्री विष्णुदेव सायजी के नेतृत्व में किए श्रेष्ठ आर्थिक प्रबंधन का उदाहरण है।
*किस चीजों में कितना जीएसटी किया गया कम ज्यादा.*
दैनिक आवश्यक वस्तुएँ.
18% व 12% से कम करके अब 5% किया गया।
जैसे-हेयर ऑयल,शैम्पू,टूथपेस्ट,नमकीन,सिलाई मशीन व पुर्जे जैसी वस्तुएँ.
हेल्थकेयर सेक्टर में राहत:-
18% व 12% से कम करके अब 5% किया गया।
जैसे- व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा, थर्मोमीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन,ग्लोकोमीटर और टेस्ट.
सस्ती शिक्षा:-
जैसे:- मानचित्र चार्ट और ग्लोब पेंसिल,अभ्यास पुस्तक नोटबुक,रबर.
किसानों और कृषि का उत्थान-
जैसे:- ट्रैक्टर के टायर और पार्ट्स,ट्रेक्टर, निर्दिष्ट जैव कीटनाशक, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, स्प्रिंकलर, मिट्टी की तैयारी,खेती, कटाई थ्रेसिंग के लिए कृषि बागवानी या वानिकी मशीनें आदि।
इस दौरान प्रेस वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष घासीराम नाग जी,पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार जी,जिला महामंत्री सतेंद्र सिंह ठाकुर जी उपस्थित रहें।