राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर जय स्तंभ चौक पर एकत्रित हो फारेस्ट विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि समर्पित किया ।
यह दिन उन वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है जिन्होंने हमारे जंगलों, वनों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है।
वन शहीदों ने अपनी जान की परवाह किए बिना अवैध शिकार, वनों की कटाई और अन्य अवैध गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वनों की सुरक्षा और संरक्षण हमारे भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वनों से हमें ऑक्सीजन मिलती है, जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और वन्यजीवों के लिए आवास मिलता है।
आज के दिन हम उन वन शहीदों को याद करते हैं जिन्होंने अपने जीवन को वन संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया। हम उनकी बहादुरी और निस्वार्थता को सलाम करते हैं,साथ ही उनकें परिवार जनो को हृदय से प्रणाम करते हैं।
हमें वनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा। हमें पेड़ लगाना, वनों की कटाई रोकना और वन्यजीवों की सुरक्षा करनी होगी।
आईए हम सब छत्तीसगढ़ के आम जनता एवं अधिकारी कर्मचारी मिलकर ये प्रण लें।
वनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए काम करें। वन शहीदों के बलिदान को याद करें और उनकी याद में वृक्षारोपण करें। आइए हम सब मिलकर वनों को बचाएं और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य बनाएं।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डि एफ ओ संदीप बलगा (उप निदेशक इंद्रावती टाइगर रिजर्व ), संजय रावतिया एस डि ओ सुबन्स मांझी परिक्षेत्र अधिकारी, भुजबल सिंह परिक्षेत्र अधिकारी,
रामायण मिश्रा परिक्षेत्र अधिकारी, अगन सिंह भगत परिक्षेत्र अधिकारी,चन्द्रसेन बघेल परिक्षेत्र अधिकारी, अन्य वन कर्मचारी जुमार बापू राव, महेंद्र चंद्र, विनय रेड्डी,लोकेश रेड्डी, रमेश यादव, महेश दुर्गम रेशमा गोड्डे, सरिता बारसे,मोहन अवलम रहे मौजुद ।