196 वी वाहिनी ने हर्षोल्लास के साथ मनाया रक्षा का पर्व रक्षाबंधन।
रक्षाबंधन का पर्व हर साल भावनाओं और प्रेम से भरा होता है, लेकिन जब इसे हमारे देश के रक्षक CRPF जवानों के साथ मनाया जाता है,
तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर इसी महत्व को बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ के जिला बीजापुर स्थित 196 बटालियन, मुख्यालय महादेव घाटी, अति संवेदनशील और नक्शल प्रभावित FOB पूजारीकांकेर और नाम्बी में भी इस वर्ष का रक्षाबंधन कुछ खास रहा।
सभी कैम्प में सजावट का माहौल पूरी तरह पारंपरिक भारतीय रंगों से सजा हुआ था। जवानों ने राष्ट्रीय सेवा योजना से जुडे़ हुए व वर्तमान में शासकीय शहीद वेंकटराव स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीजापुर छत्तीसगढ़ के छात्र-छा़त्राओं व स्थानीय महिलाओं से राखी बंधवाकर रक्षाबंधन त्योहार की संरक्षण, विश्वास और अपनापन को बढ़ावा दिया। बहनों ने रक्षासूत्र बांधते समय जवानों के त्याग और समर्पण को धन्यवाद कहा। इस कार्यक्रम में श्री दिनेश, द्वितीय कमान अधिकारी, श्री गोपाल सिंह बुनकर, द्वितीय कमान अधिकारी, श्री गुलशन तिर्की उप कमांडेंट, श्री रमेश नाइक, सहायक कमांडेंट, श्री लोकेश यादव सहायक कमांडेंट, डा0 किरण राज, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, सूबेदार मेजर निरीक्षक प्रवीण कुमार, सभी अधीनस्थ अधिकारी व अन्य जवान भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। श्री दिनेश, द्वितीय कमान अधिकारी ने रक्षाबंधन के अवसर पर उपस्थित बहनो, अधिकारियों व जवानो का अभिवादन कर उन्हे सम्बोधित किया तथा उनका उत्साह बढ़ाया और कहा कि रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार ही नहीं, बल्कि एक भावना है जो हर सैनिक और नागरिक को जोड़ती है। विद्यालय की छात्राओं ने रक्षाबंधन के अवसर पर सीआरपीएफ कैंप में उपस्थित देश की रक्षा कर रहे अधिकारियों व जवानो को राखी बांधी। उनके माथे पर तिलक लगाकर, राखी बांधकर उन्हें एहसास दिलाया कि वे अकेले नहीं हैं, पूरा देश उनके साथ है। यह क्षण छात्राओं के लिए गर्व और सम्मान से भरा हुआ था।
CRPF द्वारा यह आयोजन सिर्फ एक परंपरा निभाने का तरीका नहीं था, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है कि केरिपु और समाज एक-दूसरे के पूरक हैं। जवानों ने भी बहनों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके लिए यह पल कभी नहीं भूलने वाला है। अपने परिवार से दूर रहकर भी उन्हें घर जैसी भावनाएं मिलीं, यही इस आयोजन की सबसे बड़ी सफलता रही। रक्षाबंधन का यह पर्व साबित किया कि जब समाज और सुरक्षाबल साथ मिलते हैं, तो त्यौहार केवल परंपरा नहीं, बल्कि प्रेरणा बन जाते हैं, ऐसी प्रेरणा जो आने वाले वर्षों तक याद रखी जाएगी।