आज दिनांक 21 अक्टूबर 2025 को 196 वीं वाहिनी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के मुख्यालय में “पुलिस स्मृति दिवस” बड़े ही श्रद्धा एवं सम्मान के साथ मनाया गया।
दिनांक 21 अक्टूबर 2025
स्थान 196 वीं वाहिनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, महादेव घाटी बीजापुर, छत्तीसगढ़
आज दिनांक 21 अक्टूबर 2025 को 196 वीं वाहिनी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के मुख्यालय में “पुलिस स्मृति दिवस” बड़े ही श्रद्धा एवं सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वाहिनी के सभी अधिकारियों एवं जवानों ने देश की आंतरिक सुरक्षा, शांति एवं एकता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस बल के शहीदों को नमन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पण एवं दो मिनट का मौन रखकर शहीदों की पावन स्मृति को नमन करने से हुई। इसके पश्चात वाहिनी कमांडेंट श्री कुमार मनीष द्वारा शहीदों के बलिदान और योगदान पर प्रकाश डाला गया एवं विगत वर्ष में पंुलिस बल के शहीद जवानों सूची पढ़ी गई। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें उन वीर सपूतों की याद दिलाता है जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।
इस अवसर पर वाहिनी परिसर में उपस्थित सभी अधिकारी श्री कुमार मनीष, कमाण्डेंट, श्री दिनेश, द्वितीय कमान अधि0, श्री गोपाल सिंह बुनकर, द्वितीय कमान अधि0, श्री कुणाल किशोर, उप कमा0, श्री के.के.यादव, सहा0कमा0 एवं कर्मियों ने कर्तव्यनिष्ठा, देशभक्ति और अनुशासन के प्रति अपनी निष्ठा को पुनः दोहराया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय एकता गीत और शहीदों के सम्मान में नारे लगाते हुए किया गया।*📜 21 अक्टूबर 📜*
*🇮🇳 भारतीय पुलिस स्मृति दिवस 🇮🇳*
भारत में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस साल यानी 21 अक्टूबर 2025 को भारत 66वां पुलिस स्मृति दिवस मना रहा है। इस दिन को पुलिस-अर्धसैनिक बलों से जुड़े तमाम लोग पुलिस शहीदी दिवस या फिर पुलिस परेड डे के नाम से भी जानते हैं।
21 अक्टूबर को भारत में हर साल पुलिस स्मृति दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 21 अक्टूबर सन् 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में सीमा की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जांबाज सैनिकों के एक छोटे से गश्ती दल पर चीनी सेना द्वारा भारी संख्या में घात लगाकर हमला किया गया था। लेकिन हमारे जवानों ने बहादुरी से चीनी सैनिकों का सामना किया और शहीद हो गए। इस हमले में हमारे 10 के.रि.पु.बल के रण बांकुरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्ही की याद में हर साल पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
पुलिस स्मृति दिवस के दिन देश के सुरक्षा बल, चाहे वो राज्य पुलिस हो, केंद्रीय सुरक्षा बल हो या फिर अर्धसैनिक बल हो, सभी एक साथ मिलकर इस दिन को मनाते हैं।
भारत के तिब्बत में 2,500 मील लंबी चीन के साथ सीमा है। 21 अक्टूबर 1959 के वक्त इस सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों की थी। चीन के घात लगाकर हमला करने से ठीक एक दिन पहले 20 अक्टूबर 1959 को भारत ने तीसरी बटालियन की एक कंपनी को उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के इलाके में तैनात किया था। इस कंपनी को तीन टुकड़ियों में बांटकर सीमा के सुरक्षा की जिम्मेदारी गी गई थी। हमेशा की तरह इस कपंनी के जवान लाइन ऑफ कंट्रोल में गश्त लगाने के लिए निकले। 20 अक्टूबर को दोपहर तक तीनों टुकड़ियों में से दो टुकड़ी के जवान दोपरहर तक लौट आए। लेकिन तीसरी टुकड़ी के जवान उस दिन नहीं लौटे। उस टुकड़ी में दो पुलिस कांस्टेबल और एक पोर्टर था।
21 अक्टूबर की सुबह वापस नहीं लौटे टुकड़ी के जवानों के लिए तलाशी अभियान चलाने की योजना बनाई गई। जिसका नतृत्व तत्कालीन डीसीआईओ करम सिंह कर रहे थे। इस टुकड़ी में लगभग 20 जवान थे। करम सिंह घोड़े पर सवार हुए और बाकी जवान पैदल मार्च पर थे। पैदल चलने वाली सैनिकों को 3 अलग-अलग टुकड़ियों में बांट दिया गया था। तलाशी अभियान के दौरान ही चीन के सैनिकों ने घात लगाकर एक पहाड़ के पीछे से फायरिंग शुरू कर दी। भारत के जवान, जो अपने साथी को खोजने निकले थे, वो हमले के लिए तैयार नहीं थे। उनके पास जरूरी हथियार नहीं थे। इस हमले में 10 जवान शहीद हो गए थे और ज्यादातर जवान घायल हो गए थे, 7 की हालत गंभीर थी।
लेकिन चीन यहीं नहीं रूका, चीनी सैनिकों ने गंभीर रूप से घायल जवान को बंदी बनाकर अपने साथ ले गई। बाकी अन्य जवान वहां से किसी तरह से निकलने में सफल हुए। इस घटना के बाद 13 नवंबर 1959 को शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों के शव को चीनी सैनिकों ने लौटा दिया था। भारतीय सेना ने उन 10 जवानों का अंतिम संस्कार हॉट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ किया।
इन्हीं शहीदों के सम्मान में हर साल भारत में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।